Maradona- Hand of God माराडोना हैंड ऑफ गॉड डेमो अर्मानडो माराडोना फुटबॉल के ऐसे महानायक, फुटबॉल के सबसे करिश्माई खिलाड़ियों में से एक र्जेंटीना के माराडोना के पास प्रतिभा, शोखी, नज़र और रफ़्तार का ऐसा भंडार था, जिससे वो अपने प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर देते थे
माराडोना ने अपने विवादित हैंड ऑफ गॉड गोल से सबको हैरत में डाला और मैदान के बाहर ड्रग्स और नशाखोरी जैसे मामलों में भी पड़ेI छोटे कद दे माराडोना फुटबॉल के जीनियस माराडोना का जन्म आज से 8 साल पहले अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स की झुग्गी झोपड़ी वाले कस्बे में हुआ था अपनी गरीबी से लड़ते हुए वह युवा अवस्था आने तक फुटबॉल के सुपर स्टार बन चुके थे
कुछ लोग तो उन्हें ब्राजील के महान फुटबॉलर पहले से भी शानदार खिलाड़ी मानते हैं माराडोना ने 491 मैचों में कुल 259 गोल दागे थे इतना ही नहीं एक सर्वेक्षण में उन्होंने पेले को पीछे छोड़ बीसवीं सदी के सबसे महान फुटबॉलर होने का गौरव अपने नाम कर लिया था हालांकि इसके बाद फीफा ने वोटिंग के नियम बदल दिए थे दोनों खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया था मारो ना विलक्षण प्रतिभा के धनी है यह उनके बचपन से ही नजर आने लगा था उन्होंने मैसेज महज 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय फुटबाल जगत में कदम रख दिया था माराडोना के पास चतुराई तेजी चौखंडी नजर फुटबॉल को काबू रखने की क्षमता और ड्रिब्लिंग जैसे गुण थे जिन्होंने उनके ज्यादा बदन पर कभी कभार होने वाली दिक्कतों को ढक लिया थाI
उन्होंने अपने देश को साल 1986 में मेक्सिको में आयोजित वर्ल्ड कप में जीत दिलाई और चार बार टूर्नामेंट के फ़ाइनल तक पहुँचाया.
1986 के वर्ल्ड कप के क्वार्टर फ़ाइनल में माराडोना ने कुछ ऐसा किया, जिसकी चर्चा हमेशा होती रहेगी. 22 जून 1986 को साँसें थमा देने वाले इस रोमांचक मैच के 51 मिनट बीत गए थे और दोनों टीमों में से कोई एक भी गोल नहीं कर पाया था.इसी समय माराडोना विपक्षी टीम के गोलकीपर पीटर शिल्टन की तरफ़ उछले और उन्होंने अपने हाथ से फ़ुटबॉल को नेट में डाल दिया. हाथ का इस्तेमाल होने की वजह से यह गोल विवादों में आ गया.फ़ुटबॉल के नियमों के अनुसार हाथ का इस्तेमाल होने के कारण यह गोल फ़ाउल था और इसके लिए माराडोना को 'येलो कार्ड' दिखाया जाना चाहिए था.लेकिन उस समय वीडियो असिस्टेंस टेक्नॉलजी नहीं थी और रेफ़री इस गोल को ठीक से देख नहीं पाएI इसलिए इसे गोल माना गया और इसी के साथ अर्जेंटीना 1-0 से मैच में आगे हो गया.
1986 में जब अर्जेंटीना ने वर्ल्डकप जीता तब माराडोना उस टीम के कैप्टन थेI
मैच के बाद माराडोना ने कहा था कि उन्होंने यह गोल 'थोड़ा सा अपने सिर और थोड़ा सा भगवान के हाथ से' किया था. इसके बाद से फ़ुटबॉल के इतिहास में यह घटना हमेशा के लिए 'हैंड ऑफ़ गॉड' के नाम से दर्ज हो गईl
मैच में इस विवादित गोल के ठीक चार मिनट बाद माराडोना ने कुछ ऐसा किया जिसे 'गोल ऑफ़ द सेंचुरी' यानी 'सदी का गोल' कहा गया.वो फ़ुटबॉल को इंग्लैंड की टीम के पाँच खिलाड़ियों और आखिरकार गोलकीपर शिल्टन से बचाते हुए ले गए और गोल पोस्ट के भीतर दे डालाl
but it was a very sad news when Argentina President Alberto Fernandez declared three days of national mourning following Maradona’s death in the city of Tigre on Wednesday.
डिएगो माराडोना के निधन के बाद अर्जेंटीना में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक है. बुधवार को 60 साल की उम्र में बीमारी के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली.
माराडोन के पार्थिव शरीर को राष्ट्रपति के दफ़्तर कासा रोसारा लाया गया है. यहां तीन दिनों तक लोग श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे.
माराडोना की टीम के साथी रहे ओहवाल्दो अर्बिलेस ने कहा है कि जितनी शोहरत और प्रशंसा माराडोना को मिली उतनी आज के फ़ुटबॉल के सुपरस्टार लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो को भी नहीं मिली.