जम्मू एंड कश्मीर स्टेट लैंड (वेस्टिंग ऑफ़ ऑनरशिप टू द ऑक्युपेंट्स) ऐक्ट, 2001 को रोशनी ऐक्ट के नाम से भी जाना जाता है. कहा जा रहा है जिसे रोशनी स्कीम के नाम से भी जाना गया. यह फारूक अब्दुल्ला सरकार में लागू किया गया था. इसके तहत राज्य सरकार ने मामूली कीमतें तय कर उन लोगों को उन ज़मीनों पर मुस्तकिल कब्ज़े देने की बात कही, जिन्होंने सरकारी ज़मीन पर नाजायज़ कब्ज़ा किया हुआ था. यानी सरकारी ज़मीनों पर हुए गैरकानूनी कब्जो को कानूनी बना रही थी और मालिकाना हक देने की बात कह रही थी.
स्कीम के तहत 1990 से हुए अतिक्रमण को इस एक्ट के दायरे में कट ऑफ सेट किया गया था. सरकार का कहना था कि इसका सीधा फायदा उन किसानों को मिलेगा जो सरकारी जमीन पर कई सालों से खेती कर रहे है लेकिन नेताओं ने जमीनों पर कब्जे जमाने का काम शुरू कर दिया. साल 2005 में तब की मुफ्ती सरकार ने 2004 के कट ऑफ में और भी छूट दे दी.
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